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"महानता की घिसटन / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर

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(महानता की संस्कृति)
 
 
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पहले वे स्त्री लिखते हैं
 
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उन्हें लगता है कि
 
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देवी  लिखा है उन्होंने
 
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देवी  एक महान शब्द
 
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फिर वे स्त्री को  
 
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सिरे से पकडकर
 
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घसीटते हैं
 
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कोई आवाज नहीं होती
 
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बस  लकीर रह जाती है  शेष
 
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कलाकार बताते हैं
 
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कि  यह एक कलाकृति है
 
कि  यह एक कलाकृति है
 
 
संगीतकार उसे साधता है
 
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सातवें स्वर की तरह
 
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नास्ति‍क उसमें ढूंढता है
 
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चीख की कोई लिपि
 
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कवि  वहां की रेत में
 
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सुखाता है  अपने आंसू
 
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अब  कलाकार नास्ति‍क कवि  और  संगीतकार
 
अब  कलाकार नास्ति‍क कवि  और  संगीतकार
 
 
सब  महान हो उठते हैं
 
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इस तरह
 
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एक महान शब्द की  
 
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घि‍सटन से
 
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महानता की संस्कृति  
 
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जन्म लेती है।  
 
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1996
 
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13:38, 30 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

पहले वे स्त्री लिखते हैं
उन्हें लगता है कि
देवी लिखा है उन्होंने
देवी एक महान शब्द
फिर वे स्त्री को
सिरे से पकडकर
घसीटते हैं
कोई आवाज नहीं होती
बस लकीर रह जाती है शेष

कलाकार बताते हैं
कि यह एक कलाकृति है
संगीतकार उसे साधता है
सातवें स्वर की तरह
नास्ति‍क उसमें ढूंढता है
चीख की कोई लिपि
कवि वहां की रेत में
सुखाता है अपने आंसू

अब कलाकार नास्ति‍क कवि और संगीतकार
सब महान हो उठते हैं

इस तरह
एक महान शब्द की
घि‍सटन से
महानता की संस्कृति
जन्म लेती है।

1996