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"खारेपन का अहसास / कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर
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− | सहसा बिछल गया | + | सहसा बिछल गया |
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− | मेरा एक समंदर | + | मेरा एक समंदर |
− | गहरा-गहरा सा | + | गहरा-गहरा सा |
− | मेरी आंखों के आगे उथला निकल गया। | + | मेरी आंखों के आगे उथला निकल गया। |
16:57, 4 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
खारेपन का अहसास
मुझे था पहले से
पर विश्वासों का दोना
सहसा बिछल गया
कल,
मेरा एक समंदर
गहरा-गहरा सा
मेरी आंखों के आगे उथला निकल गया।