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"विरह का जलजात जीवन / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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जीवन विरह का जलजात!
  
विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात!<br>
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आँसुओं का कोष उर, दृगु अश्रु की टकसाल;
वेदना में जन्म करुणा में मिला आवास;<br>
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तरल जल-कण से बने घन सा क्षणिक् मृदु गात!
अश्रु चुनता दिवस इसका, अश्रु गिनती रात!<br>
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जीवन विरह का जलजात!
जीवन विरह का जलजात!<br><br>
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आँसुओं का कोष उर, दृगु अश्रु की टकसाल;<br>
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तरल जल-कण से बने घन सा क्षणिक् मृदु गात!<br>
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अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात!
जीवन विरह का जलजात!<br><br>
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जीवन विरह का जलजात!
  
अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमास!<br>
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काल इसको दे गया पल-आँसुओं का हार;
अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात!<br>
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पूछता इसकी कथा निश्वास ही में वात!
जीवन विरह का जलजात!<br><br>
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जीवन विरह का जलजात!
  
काल इसको दे गया पल-आँसुओं का हार;<br>
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जो तुम्हारा हो सके लीलाकमल यह आज,
पूछता इसकी कथा निश्वास ही में वात!<br>
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खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात!
जीवन विरह का जलजात!<br><br>
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जीवन विरह का जलजात!
 
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जो तुम्हारा हो सके लीलाकमल यह आज,<br>
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खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात!<br>
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जीवन विरह का जलजात!<br><br>
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10:19, 7 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात!
वेदना में जन्म करुणा में मिला आवास;
अश्रु चुनता दिवस इसका, अश्रु गिनती रात!
जीवन विरह का जलजात!

आँसुओं का कोष उर, दृगु अश्रु की टकसाल;
तरल जल-कण से बने घन सा क्षणिक् मृदु गात!
जीवन विरह का जलजात!

अश्रु से मधुकण लुटाता आ यहाँ मधुमास!
अश्रु ही की हाट बन आती करुण बरसात!
जीवन विरह का जलजात!

काल इसको दे गया पल-आँसुओं का हार;
पूछता इसकी कथा निश्वास ही में वात!
जीवन विरह का जलजात!

जो तुम्हारा हो सके लीलाकमल यह आज,
खिल उठे निरुपम तुम्हारी देख स्मित का प्रात!
जीवन विरह का जलजात!