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"आसानियाँ और मुश्किलें / मनमोहन" के अवतरणों में अंतर

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20:44, 5 अक्टूबर 2018 के समय का अवतरण

न कहना आसान है
और कहना मुश्किल
लेकिन कहते चले जाना
न कहने जैसा है
और काफ़ी आसान है

इसी तरह न रहना आसान है
और रहना मुश्किल

लेकिन रहते चले जाना
न रहने जैसा है
और काफ़ी आसान है

चाहें तो सहने के बारे में भी
ऐसा ही कुछ कहा जा सकता है