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"चप्पल पर भात / वीरेन डंगवाल" के अवतरणों में अंतर

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कि खाते समय चप्पल पर भात के कुछ कण
 
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::::गिर गए थे
 
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जो जल्दबाज़ी में दिखे नहीं ।
 
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फिर तो काफ़ी देर
 
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तलुओं पर उस चिपचिपाहट की ही भेंट
 
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तमाम महान चिन्ताएँ ।
 
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17:11, 11 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण

किस्सा यों हुआ
कि खाते समय चप्पल पर भात के कुछ कण
गिर गए थे
जो जल्दबाज़ी में दिखे नहीं ।
फिर तो काफ़ी देर
तलुओं पर उस चिपचिपाहट की ही भेंट
चढ़ी रहीं
तमाम महान चिन्ताएँ ।