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"रिश्ते की खोज / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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मैंने तुम्हारे दुख से अपने को जोड़ा
 
मैंने तुम्हारे दुख से अपने को जोड़ा
 
 
और -
 
और -
 
 
और अकेला हो गया ।
 
और अकेला हो गया ।
 
 
मैंने तुम्हारे सुख से
 
मैंने तुम्हारे सुख से
 
 
अपने को जोड़ा
 
अपने को जोड़ा
 
 
और -
 
और -
 
 
और छोटा हो गया ।
 
और छोटा हो गया ।
 
 
मैंने सुख-दुख से परे
 
मैंने सुख-दुख से परे
 
 
अपने को तुम से जोड़ा
 
अपने को तुम से जोड़ा
 
 
और -
 
और -
 
 
और अर्थहीन हो गया ।
 
और अर्थहीन हो गया ।

11:50, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

मैंने तुम्हारे दुख से अपने को जोड़ा
और -
और अकेला हो गया ।
मैंने तुम्हारे सुख से
अपने को जोड़ा
और -
और छोटा हो गया ।
मैंने सुख-दुख से परे
अपने को तुम से जोड़ा
और -
और अर्थहीन हो गया ।