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"मौत के नाखून / शम्भु बादल" के अवतरणों में अंतर

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मौत के कितने नाखून<br>
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दर्द की कैसी-कैसी नदियाँ
कितनी गहराई तक<br>
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टहल रही हैं होंठों पर
धँसे हैं मेरे सीने में!<br><br>
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और तुम
टहल रही हैं होंठों पर<br>
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मेरा चेहरा रौंद रहे हो ! ?
 
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मेरा चेहरा रौंद रहे हो !?
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12:19, 3 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

मौत के कितने नाख़ून
कितनी गहराई तक
धँसे हैं मेरे सीने में !

दर्द की कैसी-कैसी नदियाँ
टहल रही हैं होंठों पर
अपने तमाम मगरमच्छों के साथ !

और तुम
अपनी हँसी की तलाश में
मेरा चेहरा रौंद रहे हो ! ?