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"रक्तमुख / जानकीवल्लभ शास्त्री" के अवतरणों में अंतर
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कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो | कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो | ||
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पथ निर्देशक वह है, | पथ निर्देशक वह है, | ||
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लाज लजाती जिसकी कृति से | लाज लजाती जिसकी कृति से | ||
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धृति उपदेश वह है, | धृति उपदेश वह है, | ||
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मूर्त दंभ गढ़ने उठता है | मूर्त दंभ गढ़ने उठता है | ||
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शील विनय परिभाषा, | शील विनय परिभाषा, | ||
− | + | मृत्यु रक्तमुख से देता | |
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जन को जीवन की आशा, | जन को जीवन की आशा, | ||
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जनता धरती पर बैठी है | जनता धरती पर बैठी है | ||
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नभ में मंच खड़ा है, | नभ में मंच खड़ा है, | ||
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जो जितना है दूर मही से | जो जितना है दूर मही से | ||
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उतना वही बड़ा है. | उतना वही बड़ा है. |
17:56, 6 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो
पथ निर्देशक वह है,
लाज लजाती जिसकी कृति से
धृति उपदेश वह है,
मूर्त दंभ गढ़ने उठता है
शील विनय परिभाषा,
मृत्यु रक्तमुख से देता
जन को जीवन की आशा,
जनता धरती पर बैठी है
नभ में मंच खड़ा है,
जो जितना है दूर मही से
उतना वही बड़ा है.