भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"माँ पर गया है / शैल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैल चतुर्वेदी |संग्रह=चल गई / शैल चतुर्वेदी }} "बोल बेटा ...) |
|||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
"बोल बेटा बोल<br> | "बोल बेटा बोल<br> | ||
क्या खाएगा?<br> | क्या खाएगा?<br> | ||
− | + | चॉकलेट?<br> | |
नहीं!<br> | नहीं!<br> | ||
आमलेट!<br> | आमलेट!<br> |
22:46, 28 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण
"बोल बेटा बोल
क्या खाएगा?
चॉकलेट?
नहीं!
आमलेट!
नहीं!
सेव-पपड़ी खाएगा?
नहीं!
जानता हूँ
माँ पर गया है न
मेरी खोपड़ी खाएगा?"