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"महिला वर्ष / शैल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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तुमने भी उपदेश देने का<br> | तुमने भी उपदेश देने का<br> | ||
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अपनी पत्नी <br> | अपनी पत्नी <br> | ||
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तुम जैसे धर्मराज को<br> | तुम जैसे धर्मराज को<br> | ||
तलाक देकर<br> | तलाक देकर<br> | ||
− | किसी दुर्योधन के साथ भग | + | किसी दुर्योधन के साथ भग जाउंगी। |
22:43, 28 नवम्बर 2008 के समय का अवतरण
महिला वर्ष के दौरान
रात के बारह बजे
जुए के मन्दिर में
पकड़कर पति के कान
पत्नी बोली - "वाह श्रीमान!
घर में चूहे डंड पेल रहे हैं
और आप यहां बैठे-बैठे
जुआ खेल रहे हैं
यही हाल रहा तो एक दिन
जान पर खेल जाओगे
घर-द्वार दांव पर लगाकर
जेल जाओगे।"
पति व्हाईट हार्स पर सवार था
उतरते हुए बोला -
तुमने भी उपदेश देने का
कौन सा मुहूर्त चुना है
अरे, धर्मराज युधिष्ठिर का नाम सुना है
जुए में राज पाट
दांव पर लगाकर
वन सिधार गए थे
अपनी पत्नी
द्रौपदी तक को हार गए थे।"
जो चुपचाप दांव पर लग जाउंगी
तुम जैसे धर्मराज को
तलाक देकर
किसी दुर्योधन के साथ भग जाउंगी।