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"हाहाकार / नवीन ठाकुर 'संधि'" के अवतरणों में अंतर
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है तेॅ बूढ़े-पुराने बतैतों। | है तेॅ बूढ़े-पुराने बतैतों। | ||
सांझै रोॅ छै है गति। | सांझै रोॅ छै है गति। | ||
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आभरको मारा पौर बुझैतौं, | आभरको मारा पौर बुझैतौं, |
15:57, 27 मई 2017 के समय का अवतरण
सांझै रोॅ छै है गति,
बिहानेॅ की होतै छति?
है ते,ॅ समय बतैतों।
मरी गेलै मकई-मडुआ
परै नै छै पानी परूआ
भूखें तड़पै छै बूढ़ोॅ बुतरूवा,
जालेॅ-मालेॅ खोजै छै लरूवा।
भोगलेॅ छै पुरखा पति,
है तेॅ बूढ़े-पुराने बतैतों।
सांझै रोॅ छै है गति।
आभरको मारा पौर बुझैतौं,
छन-छन के भूखें पेट जलैतौं।
भूखें जैतेॅ सब्भें दिल्ली बंगाल,
अन्नोॅ बिना सब्भेॅ कंगाल।
कहै छै ‘‘संधि’’ जमीनों में खटोॅ
कि बिगड़लौं मति।