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"घर मांय अकाळ / मधु आचार्य 'आशावादी'" के अवतरणों में अंतर
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− | + | बाप रै सागै | |
− | + | घर मांय रैवता तीन भाई | |
− | + | साथै रैवता सगळां रा | |
− | + | टाबर अर लुगाई | |
− | + | घणो हेत | |
− | + | लोगां साम्हीं जतावता | |
− | + | घर मांय रमता हा राम | |
− | + | स्वास्थ री बात | |
− | + | उणां पीढया हुयगी | |
− | + | हेत तो उण घर रै | |
− | + | कण-कण मांय मिलसी। | |
− | अकाळ | + | पण उण दिन |
+ | बाबोसा नै सौ बरस हुयग्या | ||
+ | इयां लाग्यो | ||
+ | जाणै सगळां रा माईत | ||
+ | अेकै सागै मारग्या। | ||
+ | घर मांय मचग्यो घमसाण | ||
+ | सगळां रै लागगी लाव-लाव | ||
+ | किणनै किŸाो मिलसी | ||
+ | हरेक रै मुंडै माथै | ||
+ | फगत ओ इज सवाल | ||
+ | इण झौड़ पछै | ||
+ | घर मांय पड़गी भींतां | ||
+ | सगळा हुयग्या न्यारा-न्यारा | ||
+ | बस आप-आप रा | ||
+ | लागण लाग्या प्यारा। | ||
+ | घर रो राम रूसग्यो | ||
+ | इणी खातर उण घर मांय | ||
+ | हेत रो | ||
+ | खुसी रो | ||
+ | अकाळ पड़ग्यो। | ||
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15:43, 28 जून 2017 के समय का अवतरण
बाप रै सागै
घर मांय रैवता तीन भाई
साथै रैवता सगळां रा
टाबर अर लुगाई
घणो हेत
लोगां साम्हीं जतावता
घर मांय रमता हा राम
स्वास्थ री बात
उणां पीढया हुयगी
हेत तो उण घर रै
कण-कण मांय मिलसी।
पण उण दिन
बाबोसा नै सौ बरस हुयग्या
इयां लाग्यो
जाणै सगळां रा माईत
अेकै सागै मारग्या।
घर मांय मचग्यो घमसाण
सगळां रै लागगी लाव-लाव
किणनै किŸाो मिलसी
हरेक रै मुंडै माथै
फगत ओ इज सवाल
इण झौड़ पछै
घर मांय पड़गी भींतां
सगळा हुयग्या न्यारा-न्यारा
बस आप-आप रा
लागण लाग्या प्यारा।
घर रो राम रूसग्यो
इणी खातर उण घर मांय
हेत रो
खुसी रो
अकाळ पड़ग्यो।