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जिस समय में / कुंवर नारायण

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|रचनाकार=कुंवर नारायण
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जिस समय में
 
सब कुछ
 
इतनी तेजी से बदल रहा है
 
वही समय
 
मेरी प्रतीक्षा में
 
न जाने कब से
 
ठहरा हुआ है !
 
उसकी इस विनम्रता से
 
काल के प्रति मेरा सम्मान-भाव
 
कुछ अधिक
 
गहरा हुआ है ।
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