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"अलौकिक थी पहली छुअन / सुरेश चंद्रा" के अवतरणों में अंतर

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अलौकिक थी
 
अलौकिक थी
... पहली छुअन
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निष्पाप, निश्छल  
 
निष्पाप, निश्छल  
आद्र दृष्टि के साक्ष्य मे
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अंतिम चुंबन तक
 
अंतिम चुंबन तक
 
हम देह पर देहिल गंध
 
हम देह पर देहिल गंध
... अनुबंध मात्र रह गये  
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अतृप्तता के अरण्य से  
 
अतृप्तता के अरण्य से  
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एक अंतहीन असमंजस
 
एक अंतहीन असमंजस
 
अनंत आपाधापी लिये
 
अनंत आपाधापी लिये
हम दोनों प्रेम मे
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हम दोनों प्रेम में
प्रेम के अपराधी हो चुके थे !!
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प्रेम के अपराधी हो चुके थे.
- SC
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12:59, 20 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

अलौकिक थी
पहली छुअन
निष्पाप, निश्छल
आद्र दृष्टि के साक्ष्य में

अंतिम चुंबन तक
हम देह पर देहिल गंध
अनुबंध मात्र रह गये

अतृप्तता के अरण्य से
उकताहट की ऊभ-चूभ में
विलुप्त होते हुये

एक अंतहीन असमंजस
अनंत आपाधापी लिये
हम दोनों प्रेम में
प्रेम के अपराधी हो चुके थे.