भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मुन्ना जी / बालकृष्ण गर्ग" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बालकृष्ण गर्ग |अनुवादक= |संग्रह=आ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
शोर मचाएँ मुन्ना जी। | शोर मचाएँ मुन्ना जी। | ||
[लोटपोट, सं। 496; 27 सितंबर 1981] | [लोटपोट, सं। 496; 27 सितंबर 1981] | ||
+ | |||
+ | नन्हें-मुन्ने मुन्ना जी, | ||
+ | हीरे-पन्ने मुन्ना जी। | ||
+ | तुतली बोली में लगते- | ||
+ | मीठे गन्ने मुन्ना जी। | ||
+ | [नन्दन, जनवरी 1988] | ||
+ | |||
</poem> | </poem> |
14:49, 22 मई 2018 के समय का अवतरण
प्यारे-प्यारे मुन्ना जी,
बड़े दुलारे मुन्ना जी।
सारे ही घर की आँखों –
के हैं तारे मुन्ना जी।
हाथ हिलाएँ मुन्ना जी,
पैर चलाएँ मुन्ना जी।
नहीं समय पर दूध मिले,
शोर मचाएँ मुन्ना जी।
[लोटपोट, सं। 496; 27 सितंबर 1981]
नन्हें-मुन्ने मुन्ना जी,
हीरे-पन्ने मुन्ना जी।
तुतली बोली में लगते-
मीठे गन्ने मुन्ना जी।
[नन्दन, जनवरी 1988]