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"बबूलों के पत्तों पे अब ना परोसो / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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हमारा भरे पेट इतना परोसो
  
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ख़बरदार, हमको भी जेवना परोसो
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विधायक से चाहे मिनिस्टर से पूछो
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रहे ध्यान पर हमको कम ना परोसो
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हमेशा न रहती किसी की हुकू़़मत
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बही में लिखो हमको जितना परोसो
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न भूलो कि सब कुछ ख़ुदा देखता है
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ग़रीबों को जूठन न अपना परोसो
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यही एक छोटी-सी बस इल्तिजा है
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कोई और झूठा न सपना परोसो
 
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20:54, 30 दिसम्बर 2018 के समय का अवतरण

बबूलों के पत्तों पे अब ना परोसो
हमारा भरे पेट इतना परोसो

भकोसो न सब कुछ अकेले अकेले
ख़बरदार, हमको भी जेवना परोसो

विधायक से चाहे मिनिस्टर से पूछो
रहे ध्यान पर हमको कम ना परोसो

हमेशा न रहती किसी की हुकू़़मत
बही में लिखो हमको जितना परोसो

न भूलो कि सब कुछ ख़ुदा देखता है
ग़रीबों को जूठन न अपना परोसो

यही एक छोटी-सी बस इल्तिजा है
कोई और झूठा न सपना परोसो