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"युति / लावण्या शाह" के अवतरणों में अंतर

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मेरे आंगन मे चाँदनी,<br>
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करे चमेली से ये बात,<br>
 
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भयले मगन, मै और तुम<br><br>
 
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18:39, 17 अप्रैल 2008 के समय का अवतरण

जैसी नदिया की धारा
ढूँढे अपना, किनारा,
जैसे तूफ़ानी सागर मे,
माँझी, पाये किनारा,
जैसे बरखा की बदली,
जैसे फ़ूलों पे तितली,
सलोने पिया, मोरे
सांवरिया,
वैसे मगन, मै और तुम

लिपटी जैसे बेला की बेल,
ऊँचे घने पीपल को घेर,
जैसे तारों भरी रात,
चमक रही चंदा के साथ,
मेरे आंगन मे चांदनी,
करे चमेली से ये बात,
सलोने पिया, मोरे
सांवरिया,
भयले मगन, मै और तुम