"रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह / मोमिन" के अवतरणों में अंतर
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15:56, 19 मई 2017 के समय का अवतरण
रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह,
अटका कहीं जो आप का दिल भी मेरी तरह
मर चुक कहीं कि तू ग़मे-हिज़्राँ<ref>विरह के दु:ख</ref> से छूट जाये
कहते तो हैं भले की वो लेकिन बुरी तरह
ना ताब<ref>संतुष्टि</ref> हिज्र<ref>विरह</ref> में है ना आराम<ref>वस्ल</ref> वस्ल में,
कमबख़्त दिल को चैन नही है किसी तरह
ना जाए वाँ<ref>वहाँ</ref> बने है ना बिन जाए चैन है,
क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह
लगती है गालियाँ भी तेरे मुँह से क्या भली,
क़ुर्बान तेरे, फिर मुझे कह ले इसी तरह
पामाल<ref>तबाह</ref> हम न होते फ़क़त जौरे-चर्ख़<ref>भाग्य के अत्याचार</ref> से
आयी हमारी जान पे आफ़त कई तरह
आता नहीं है वो तो किसी ढब से दाव में
बनती नहीं है मिलने की उस के कोई तरह
तश्बीह किस से दूँ कि तरहदार की मेरे
सब से निराली वज़्अ है सब से नई तरह
माशूक़ और भी हैं बता दे जहान में
करता है कौन ज़ुल्म किसी पर तेरी तरह
हूँ जाँ-बलब<ref>मृत्यु के पास </ref> बुताने-ए-सितमगर<ref> हृदयहीन प्रेमिकाओं</ref> के हाथ से,
क्या सब जहाँ में जीते हैं "मोमिन" इसी तरह