भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ज़िंदा हैं ऑंखें अभी / जय चक्रवर्ती" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Zinda-hain-aankhen-abhi-jay-chakravarti-kavitakosh.jpg |
|नाम=ज़िंदा हैं ऑंखें अभी | |नाम=ज़िंदा हैं ऑंखें अभी | ||
|रचनाकार=[[जय चक्रवर्ती]] | |रचनाकार=[[जय चक्रवर्ती]] |
19:06, 4 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
ज़िंदा हैं ऑंखें अभी
रचनाकार | जय चक्रवर्ती |
---|---|
प्रकाशक | श्वेतवर्णा प्रकाशन, दिल्ली |
वर्ष | 2020 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | दोहा |
पृष्ठ | 104 |
ISBN | 978-93-90135-43-1 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।