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"सूरज / इन्दु जैन" के अवतरणों में अंतर

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18:51, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

अपने ही ताप से
पिघला बरस गया
आग की फुहार-सा सूरज

दहकते कोलतार पर
भागते नंगे पैरों को
पता ही नहीं चला

मोटर सवार ने कहा
पैदल चलो तो
लू नहीं लगती !

नंगे पैर ने नहीं सुना--
वर्ना कभी भी वो मोटर
और लू से बदल लेता
रोज़-रोज़ जी पाने की
भट्टी पर
सिकता खौलता अपना
परोसा