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+ | * [[चुराया गया मेरा जीवन / मौहम्मद मूसा / भास्कर चौधरी]] |
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मौहम्मद मूसा

जन्म | 2001 |
---|---|
जन्म स्थान | गज़ा, फ़िलीस्तीन |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
फ़्लेमिंगो (2018), नमक भरे घाव (2023) | |
विविध | |
फ़िलीस्तीनी पत्रकार कवि। इनका कहना है,— मैं कविता को एक सुरक्षित नदी मानता हूँ जहाँ मेरी भावनाएँ और सम्वेदनाएँ शान्तिपूर्वक बहती हैं। इसलिए कविता के रूप में मैं जो महसूस करता हूँ और अनुभव करता हूँ, उसे बाहरी दुनिया तक पहुँचाने के प्रयास में कविता लिखता हूँ। मेरे लिए कविता एक विस्तृत दुनिया है, जहाँ मेरे शब्द मेरे द्वारा अनुभव की गई वास्तविकता को दर्शाने के लिए खुद को नया रूप देते हैं। भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने कहा था — हमें बहुलसंस्कृतियों के प्रति सम्मान दिखाने, विविधता में एकता को बनाए रखने और सहिष्णुता तथा विभिन्न धर्मों के प्रति मन में आदर और सम्मान रखने की ज़रूरत है। मुझे हमेशा यह सांस्कृतिक बहुलता पसन्द रही है। मेरा यह सपना है कि मैं दुनिया के विभिन्न देशों की यात्रा करूँ और उन देशों की संस्कृतियों का परिचय पाऊँ। फ़िल्मों की पहुँच दूर-दूर तक है। मेरे लिए तो ये फ़िल्में ही थीं, जिनकी सहायता से मैं पूरी दुनिया की यात्रा कर पाया और दूसरे धर्मों, समाजों और उनकी संस्कृतियों व रीति-रिवाजों को समझ पाया। मैं उस जगह का रहनेवाला हूँ, जहाँ कई धर्मों, कई सभ्यताओं का उदय हुआ। इसे हम दुनिया के बहुत से देशों और राष्ट्रीयताओं का मिलन स्थल भी कह सकते हैं। मैं फ़िलीस्तीनी हूँ और भूमध्य रेखा के इलाके में रहता हूँ। | |
जीवन परिचय | |
मौहम्मद मूसा / परिचय |