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मौत का घोंसला है | मौत का घोंसला है |
01:54, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मौत का घोंसला है
चुप
मौत ने अण्डे दिए हैं
मौत कभी अण्डे नहीं सेती
बच्चे नहीं पालती
इस बीच वह कहाँ रहती है
पूछने की बजाय
कहाँ नहीं रहती भी अगर पूछोगे तो
उत्तर चुप है
हाँ, अण्डों से बच्चे निकालने और
पालने वाली का नाम बोलता है
बच्चों को कभी भी घोंसले से निकाल
उड़ा ले जा सकती है मौत
आख़िर बच्चे हैं अमानत उसी की
और ज़िन्दगी...?