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"गमन / आग्नेय" के अवतरणों में अंतर
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टूटती नहीं है टहनी | टूटती नहीं है टहनी |
11:21, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
फूल के बोझ से
टूटती नहीं है टहनी
फूल ही अलग कर दिया जाता है
टहनी से
उसी तरह टूटता है संसार
टूटता जाता है संसार--
मेरा और तुम्हारा
चमत्कार है या अत्याचार है
इस टूटते जाने में
सिर्फ़ जानता है
टहनी से अलग कर दिया गया
फूल