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पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते / शार्दुला नोगजा
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09:03, 7 सितम्बर 2020
|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
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हर एक पग जो मैं चला था
वह तेरे पथ ही गया था ,
मैं तेरा ही अंश प्रियतम
क्या पूर्ण का मैं मोल दूँ ?
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