"कोशिश करने वालों की हार नहीं होती / सोहनलाल द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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+ | कई लोग इस रचना को [[हरिवंशराय बच्चन|हरिवंशराय बच्चन जी]] द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी [https://www.facebook.com/AmitabhBachchan/posts/1153934214640366 एक फ़ेसबुक पोस्ट] में स्पष्ट किया है कि यह रचना [[सोहनलाल द्विवेदी|सोहनलाल द्विवेदी जी]] की है। | ||
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+ | लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती | ||
+ | कोशिश करने वालों की हार नहीं होती | ||
− | + | नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है | |
− | + | चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है | |
− | + | मन का विश्वास रगों में साहस भरता है | |
− | नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है | + | चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है |
− | चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती | + | आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती |
− | मन का विश्वास रगों में साहस भरता है | + | कोशिश करने वालों की हार नहीं होती |
− | चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता | + | |
− | आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती | + | |
− | कोशिश करने वालों की | + | |
− | डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है | + | डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है |
− | जा | + | जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है |
− | मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में | + | मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में |
− | बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी | + | बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में |
− | मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती | + | मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती |
− | कोशिश करने वालों की | + | कोशिश करने वालों की हार नहीं होती |
− | असफलता एक चुनौती है, | + | असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो |
− | क्या कमी रह गई, देखो और सुधार | + | क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो |
− | जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम | + | जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम |
− | संघर्ष का मैदान छोड़ | + | संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम |
− | कुछ किये बिना ही जय | + | कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती |
− | कोशिश करने वालों की | + | कोशिश करने वालों की हार नहीं होती |
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02:18, 11 जून 2020 के समय का अवतरण
कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती