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"इन्तसाब / ब्रजेन्द्र 'सागर'" के अवतरणों में अंतर
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00:18, 31 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
इन्तसाब<ref>समर्पण</ref>
उन सबको
जो माज़ी<ref>भूतकाल</ref>में जी रहे
हाज़िर<ref>वर्तमान</ref>को
फ़र्दा<ref>भविष्य</ref>की
सौगात हैं
और
तुमको' भी
शब्दार्थ
<references/>