भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नसीम तेरी क़बा / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री }} <poem> नसीम तेरी क़बा ========= नसीम त...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री | |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री | ||
+ | |संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatNazm}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | नसीम तेरी क़बा | + | नसीम तेरी क़बा<ref>चोली</ref>, बूए-गुल<ref>फूल की महक</ref> है पैराहन<ref>वस्त्र</ref> |
− | + | हया<ref>लज्जा</ref> का रंग रिदाए-बहार<ref>बहार की चादर</ref> उढ़ाता है | |
− | + | ||
− | + | ||
− | हया का रंग रिदाए- | + | |
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है | तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है | ||
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन | कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन | ||
− | सितारे | + | सितारे डूबते हैं चाँद झिलमिलाता है |
− | + | ||
− | + | </poem> | |
− | <poem> | + | {{KKMeaning}} |
13:50, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
नसीम तेरी क़बा<ref>चोली</ref>, बूए-गुल<ref>फूल की महक</ref> है पैराहन<ref>वस्त्र</ref>
हया<ref>लज्जा</ref> का रंग रिदाए-बहार<ref>बहार की चादर</ref> उढ़ाता है
तेरे बदन का चमन ऐसे जगमगाता है
कि जैसे सैले-सहत, जैसे नूर का दामन
सितारे डूबते हैं चाँद झिलमिलाता है
शब्दार्थ
<references/>