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"माँ / नरेश मेहता" के अवतरणों में अंतर
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मैं नहीं जानता | मैं नहीं जानता | ||
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क्योंकि नहीं देखा है कभी- | क्योंकि नहीं देखा है कभी- | ||
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पर, जो भी | पर, जो भी | ||
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जहाँ भी लीपता होता है | जहाँ भी लीपता होता है | ||
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गोबर के घर-आँगन, | गोबर के घर-आँगन, | ||
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जो भी | जो भी | ||
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जहाँ भी प्रतिदिन दुआरे बनाता होता है | जहाँ भी प्रतिदिन दुआरे बनाता होता है | ||
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आटे-कुंकुम से अल्पना, | आटे-कुंकुम से अल्पना, | ||
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जो भी | जो भी | ||
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जहाँ भी लोहे की कड़ाही में छौंकता होता है | जहाँ भी लोहे की कड़ाही में छौंकता होता है | ||
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मैथी की भाजी, | मैथी की भाजी, | ||
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जो भी | जो भी | ||
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जहाँ भी चिंता भरी आँखें लिये निहारता होता है | जहाँ भी चिंता भरी आँखें लिये निहारता होता है | ||
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दूर तक का पथ- | दूर तक का पथ- | ||
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वही, | वही, | ||
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हाँ, वही है माँ ! ! | हाँ, वही है माँ ! ! | ||
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13:20, 8 मई 2011 के समय का अवतरण
मैं नहीं जानता
क्योंकि नहीं देखा है कभी-
पर, जो भी
जहाँ भी लीपता होता है
गोबर के घर-आँगन,
जो भी
जहाँ भी प्रतिदिन दुआरे बनाता होता है
आटे-कुंकुम से अल्पना,
जो भी
जहाँ भी लोहे की कड़ाही में छौंकता होता है
मैथी की भाजी,
जो भी
जहाँ भी चिंता भरी आँखें लिये निहारता होता है
दूर तक का पथ-
वही,
हाँ, वही है माँ ! !