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"नक़्शे-ख्याल दिल से / जोश मलीहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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| − | नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़ | + | <poem> |
| − | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ | + | नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़ |
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| − | वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़ | + | वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़ |
| − | मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़ | + | मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़ |
| − | महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे | + | महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे |
| − | सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़ | + | सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़ |
| − | बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया | + | बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया |
| − | मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़ | + | मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़ |
| − | मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से | + | मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से |
| − | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ < | + | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ |
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21:24, 5 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़
वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़
मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़
महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे
सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़
बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया
मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़
मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़
