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"जानत नहिं लगि मैं / बिहारी" के अवतरणों में अंतर

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जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै
 
जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै
 
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:::तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध नाध्यौ है।
तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध नाध्यौ है।
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लीजिये न छेहु निरगुन सौं न होइ नेहु
 
लीजिये न छेहु निरगुन सौं न होइ नेहु
 
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:::परबस देहु गेहु ये ही सुख साँध्यौ है।
परबस देहु गेहु ये ही सुख साँध्यौ है।
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गोकुल के लोग पैं गुपाल न बिसार्यौ जाइ
 
गोकुल के लोग पैं गुपाल न बिसार्यौ जाइ
 
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:::रावरे कहे तौ क्यौं हूँ जोगो काँध काँध्यौ है।
रावरे कहे तौ क्यौं हूँ जोगो काँध काँध्यौ है।
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कीजिए न रारि ऊधौ देखिये विचारि काहु
 
कीजिए न रारि ऊधौ देखिये विचारि काहु
 
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:::हीरा छोड़ि  डारि कै कसीरा गाँठि बाँध्यौ है।।
हीरा छोड़ि  डारि कै कसीरा गाँठि बाँध्यौ है।।
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10:58, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै
तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध नाध्यौ है।
लीजिये न छेहु निरगुन सौं न होइ नेहु
परबस देहु गेहु ये ही सुख साँध्यौ है।
गोकुल के लोग पैं गुपाल न बिसार्यौ जाइ
रावरे कहे तौ क्यौं हूँ जोगो काँध काँध्यौ है।
कीजिए न रारि ऊधौ देखिये विचारि काहु
हीरा छोड़ि डारि कै कसीरा गाँठि बाँध्यौ है।।