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"कारवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र देखा किये / फ़ानी बदायूनी" के अवतरणों में अंतर

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करवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र<ref>पथ</ref> देखा किये  
 
करवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र<ref>पथ</ref> देखा किये  
हर क़दम पर नक़्श-ए-पा राहबर देखा किये  
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हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबर<ref>नेतृत्व करने वाले के पद-चिह्न
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</ref> देखा किये  
  
यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गइ
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यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गईं
दिल की नबज़ें छुट गयीं और चारागर देखा किये  
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दिल की नब्ज़ें छुट गयीं और चारागर<ref>उपचारक</ref> देखा किये  
  
रुख़ मेरी जानिब निगाह-ए-लुत्फ़ दुश्मन की तरफ़  
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रुख़<ref>चेहरा</ref> मेरी जानिब<ref>ओर्</ref> निगाह-ए-लुत्फ़<ref>आनंद-दायक दृष्टि</ref> दुश्मन की तरफ़  
यूँ उधर देखा किये गोया इधर देखा किये  
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यूँ उधर देखा किये गोया<ref>जैसे कि</ref> इधर देखा किये  
  
दर्द मंदान--वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ  
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दर्द-मंदाने-वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ  
दर्द-ए-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये  
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दर्दे-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये  
  
तू कहाँ थी ऐ अजल ऐ नामुरादों की मुराद  
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तू कहाँ थी ऐ अज़ल<ref>मृत्यु</ref> ! ऐ नामुरादों की मुराद !
मरनेवाले राह तेरी उमर भर देख किये
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मरने वाले राह तेरी उम्र भर देखा किये
  
  
 
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21:28, 28 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण


करवाँ गुज़रा किया हम रहगुज़र<ref>पथ</ref> देखा किये
हर क़दम पर नक़्श-ए-पा-ए- राहबर<ref>नेतृत्व करने वाले के पद-चिह्न
</ref> देखा किये

यास जब छाई उम्मीदें हाथ मल कर रह गईं
दिल की नब्ज़ें छुट गयीं और चारागर<ref>उपचारक</ref> देखा किये

रुख़<ref>चेहरा</ref> मेरी जानिब<ref>ओर्</ref> निगाह-ए-लुत्फ़<ref>आनंद-दायक दृष्टि</ref> दुश्मन की तरफ़
यूँ उधर देखा किये गोया<ref>जैसे कि</ref> इधर देखा किये

दर्द-मंदाने-वफ़ा की हाये रे मजबूरियाँ
दर्दे-दिल देखा न जाता था मगर देखा किये

तू कहाँ थी ऐ अज़ल<ref>मृत्यु</ref> ! ऐ नामुरादों की मुराद !
मरने वाले राह तेरी उम्र भर देखा किये


शब्दार्थ
<references/>