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कुछ और फुटकर शेर / फ़ानी बदायूनी
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|रचनाकार=फ़ानी बदायूनी
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यूँ सब को भुला दे कि तुझे कोई न भूले।
दुनिया ही में रहना है तो दुनिया से गुज़र जा॥
Pratishtha
KKSahayogi,
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