Last modified on 10 अक्टूबर 2009, at 17:38

"दोहा" के अवतरणों में अंतर

 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
[[Category:दोहे]]
 
[[Category:दोहे]]
  
दोहा छन्द के पहले तीसरे चरण में 13 मात्रायें और दूसरे–चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। विषय (पहले तीसरे) चरणों के आरम्भ ''जगण'' नहीं होना चाहिये और सम (दूसरे–चौथे) चरणों अन्त में लघु होना चाहिये।<br><br>
+
दोहा छन्द के पहले और तीसरे चरण में 13 मात्रायें और दूसरे–चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। विषम (पहले और तीसरे) चरणों के आरम्भ ''जगण'' नहीं होना चाहिये और सम (दूसरे–चौथे) चरणों अन्त में लघु होना चाहिये।<br><br>
  
 
उदाहरण –<br><br>
 
उदाहरण –<br><br>

17:38, 10 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण


दोहा छन्द के पहले और तीसरे चरण में 13 मात्रायें और दूसरे–चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। विषम (पहले और तीसरे) चरणों के आरम्भ जगण नहीं होना चाहिये और सम (दूसरे–चौथे) चरणों अन्त में लघु होना चाहिये।

उदाहरण –

मेरी भव बाधा हरो,(13) राधा नागरि सोय।(11)
जा तन की झाँई परे,(13) श्याम हरित दुति होय।।(11)= 24 मात्राएं

कविता कोश में दोहे

हिन्दी काव्य छंद

दोहा . चौपाई . सोरठा . छप्पय . पद . रुबाई . कवित्त . सवैया . रोला . कुण्डली . त्रिवेणी . सॉनेट

लोक छंद

आल्हा

काव्य विधाएँ

नज़्म . ग़ज़ल