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ढुलकते आँसू सा सुकुमार | ढुलकते आँसू सा सुकुमार | ||
− | बिखरते सपनों सा अज्ञात | + | बिखरते सपनों सा अज्ञात, |
− | चुरा कर | + | चुरा कर अरुणा का सिन्दूर |
− | + | मुस्कराया जब मेरा प्रात, | |
छिपा कर लाली में चुपचाप | छिपा कर लाली में चुपचाप | ||
− | सुनहला प्याला लाया कौन | + | सुनहला प्याला लाया कौन? |
+ | हँस उठे छूकर टूटे तार | ||
+ | प्राण में मँड़राया उन्माद, | ||
+ | व्यथा मीठी ले प्यारी प्यास | ||
+ | सो गया बेसुध अन्तर्नाद, | ||
+ | घूँट में थी साकी की साध | ||
+ | सुना फिर फिर जाता है कौन? | ||
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22:24, 12 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
ढुलकते आँसू सा सुकुमार
बिखरते सपनों सा अज्ञात,
चुरा कर अरुणा का सिन्दूर
मुस्कराया जब मेरा प्रात,
छिपा कर लाली में चुपचाप
सुनहला प्याला लाया कौन?
हँस उठे छूकर टूटे तार
प्राण में मँड़राया उन्माद,
व्यथा मीठी ले प्यारी प्यास
सो गया बेसुध अन्तर्नाद,
घूँट में थी साकी की साध
सुना फिर फिर जाता है कौन?