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− | <div class='box' style="background-color:#DD5511;width:100%; align:center"><div class='boxtop'><div></div></div> | + | <div style="background:#eee; padding:10px"> |
− | <div class='boxheader' style='background-color:#DD5511; color:#ffffff'></div> | + | <div style="background: transparent; width:95%; height:450px; overflow:auto; border:0px inset #aaa; padding:10px"> |
− | <div id="kkHomePageSearchBoxDiv" class='boxcontent' style='background-color:#FFF3DF;border:1px solid #DD5511;'>
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− | <!----BOX CONTENT STARTS------>
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− | <table width=100% style="background:transparent">
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− | <tr><td rowspan=2>[[चित्र:Lotus-48x48.png]]</td>
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− | <td rowspan=2> <font size=4>सप्ताह की कविता</font></td>
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− | <td> '''शीर्षक: '''शव-धर्म <br>
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− | '''रचनाकार:''' [[शमशाद इलाही अंसारी]]</td>
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− | </tr>
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− | </table>
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− | <pre style="overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none"> | + | <div style="font-size:120%; color:#a00000; text-align: center;"> |
| + | खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार</div> |
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− | मैं
| + | <div style="text-align: center;"> |
− | अब शव बन चुका हूँ
| + | रचनाकार: [[त्रिलोचन]] |
− | सामाजिक सरोकारों- सक्रियता का अभाव
| + | </div> |
− | शव धर्म है
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− | मैं, मेरा घर मेरे बच्चे
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− | मेरा संचित-अर्जित अर्थ
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− | यही सत्य है
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− | यही शव धर्म है|
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− | मेरे पडौ़स में
| + | <div style="background: #fff; border: 1px solid #ccc; box-shadow: 0 0 10px #ccc inset; font-size: 16px; margin: 0 auto; padding: 0 20px; white-space: pre;"> |
− | कोई भी, कभी भी आकर
| + | खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार |
− | हत्या कर सकता है
| + | अपरिचित पास आओ |
− | लूट सकता है
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− | गृहणी को कर सकता है बेआबरु
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− | मुझे कोई चीत्कार, कोई आवाज़
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− | सुनाई नहीं देगी।
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− | मैं निश्च्ल हूँ
| + | आँखों में सशंक जिज्ञासा |
− | निश्प्रह हूँ
| + | मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा |
− | क्योंकि, मैं शव हूँ।
| + | जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं |
| + | स्तम्भ शेष भय की परिभाषा |
| + | हिलो-मिलो फिर एक डाल के |
| + | खिलो फूल-से, मत अलगाओ |
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− | मैं चलता फ़िरता हूँ
| + | सबमें अपनेपन की माया |
− | आजीविका अर्जन हेतु
| + | अपने पन में जीवन आया |
− | वे सभी क्रियाएँ अंजाम देता हूँ
| + | </div> |
− | जो अन्य सभी करते हैं।
| + | </div></div> |
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− | मैं हूँ लोकल ट्रेन में भी
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− | बसों, हवाई जहाज़ और होटलों मे भी
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− | मेरे बराबर में खडी़
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− | इस सुंदर नवयुवती पर
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− | आप आसक्त हो सकते हैं
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− | कोई अश्लील हरकत कर सकते हैं
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− | उदण्डता युक्त साहस है तो
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− | चलती ट्रेन में उसका
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− | जबरन कर सकते हैं शीलभंग
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− | मैं और मेरे जैसे और सभी
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− | शवों से भरी इस ट्रेन में
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− | कोई चूँ भी नहीं करेगा।
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− | हम सब अपने शव धर्म का
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− | अनुशासन जानते हैं
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− | अनुपालन जानते हैं
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− | उसकी गरिमा पहचानते हैं
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− | हम सभी बहुत शिक्षित हैं
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− | निरीह,अनपढ़,जाहिल,गँवार,मज़दूर नहीं
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− | लड़ना शव धर्म नहीं
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− | हम सच्चे शव धर्मी हैं
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− | क्योंकि,
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− | मैं, मेरा घर मेरे बच्चे
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− | मेरा संचित-अर्जित अर्थ
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− | यही सत्य है
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− | यही शव धर्म है।
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− | | + | |
− | तुम कभी भी-कहीं भी
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− | अकेले अथवा समुह के साथ
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− | मेरी गली में, चौक में
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− | बैंक में, भरे बाज़ार में
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− | धूप में या अंधेरे में
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− | मैं जहाँ कहीं भी हूँ
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− | मेरी उपस्थिती सर्वव्यापी है
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− | अपराध-हत्या कर सकते हैं
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− | क्योंकि मैं ज्ञानी हूँ
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− | ध्यानी हूँ,मैं अति-अस्तित्वादी हूँ
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− | मैं शव धर्मी हूँ।
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− | मुझे ज्ञात है यह विधि-सूत्र
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− | मरना-मारना, चीर हरण कोई बुरी बात नहीं
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− | मात्र वस्त्रों का विनिमय है
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− | जुए की हार जीत है।
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− | | + | |
− | सृष्टि का यही कथानक है
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− | क्योंकि,
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− | मैं, मेरा घर मेरे बच्चे
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− | मेरा संचित-अर्जित अर्थ
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− | यही सत्य है
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− | यही शव धर्म है।
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− | | + | |
− | तुम स्वतन्त्र हो
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− | यह लोकतंत्र है
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− | तुम्हे आज़ादी है
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− | दल की, बल की
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− | तुम चाहो तो मेरे समक्ष
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− | जला सकते हो पूरी की पूरी
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− | हरी भरी, बस्तियाँ
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− | पूर्व-चिन्हित महिलाओं का कर सकते हो
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− | सामुहिक बलात्कार
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− | घौंप सकते हो उनके गुप्तांग में
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− | अपने दल का झण्डा | + | |
− | कर सकते हो ढेरों हत्यायें
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− | जला सकते हो दिनदहाडे़ मानव शरीरों की होली
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− | चला सकते हो किसी भी संम्प्रदाय के विरुद्ध
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− | एक सामूहिक हिंसक अभियान।
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− | तुम भेज सकते हो अपनी फ़ौजें-पुलिस बल
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− | कश्मीर में, सुदूर उत्तर पूर्व में,
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− | बस्तर और आंध्र के जंगलों में
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− | कर सकते हो अनगिनत हत्यायें
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− | राज्य सुरक्षा के परचम तले
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− | भर सकते हो जेलें, बिना मुकदमा चलाये
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− | भून सकते हो सरे बाज़ार
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− | मानवाधिकारों के होले-चौराहों पर।
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− | मैं तुम्हे धन दूंगा, यदि कम पडा़ तो
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− | अपने विदेशी परिजनों से भी
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− | लेकर तुम्हें दूंगा
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− | बस, एक छोटी सी विनती के साथ
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− | हमारे धर्म-गुरु बाबा-बापू-आलिम का
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− | एक धारावाहिक और लगा देना
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− | दूरदर्शन पर उसका समय और बढा़ देना
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− | मेरे घर में शांति रहेगी।
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− | तुम कुछ भी करो
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− | मैं चुप हूँ, चुप रहूँगा
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− | न कुछ देखा है, न देखूंगा
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− | न कुछ सुना है, न सुनूंगा
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− | क्योंकि मैं जन्मजात शांतिप्रिय हूँ।
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− | मैं शव धर्मी हूँ
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− | मैं, मेरा घर मेरे बच्चे
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− | मेरा संचित-अर्जित अर्थ
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− | यही सत्य है
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− | यही शव धर्म है।
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− | | + | |
− | यह जनतंत्र है
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− | तुम लड़ो़ चुनाव
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− | बनाओ अपनी सरकारें
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− | केन्द्र में, राज्यों में
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− | चलाओ अपना शासन
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− | मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता
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− | क्योंकि, मैं मतदान ही नहीं करता।
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− | मेरे बही-खा़तों में
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− | एक महत्वपूर्ण पृष्ठ है
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− | नाम है जिसका
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− | "दान-खाता"
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− | वहाँ कई रंग-बिरंगे दलों के
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− | नाम लिखे हैं
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− | मैं योग्यतानुसार दान करता हूँ
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− | मेरा कोई कार्य नहीं रुकता
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− | किसी भी सरकारी कार्यालय में
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− | सभी को मालूम है मेरा नाम
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− | यह गुण मैंने सीखा है
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− | अपने पूर्वजों से
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− | वे अंग्रेज़ों के बडे़ भक्त थे
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− | अनके बहुत प्रशंसक थे
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− | क्योंकि मेरे घर, पडौ़स, मोहल्ले में
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− | कभी कोई जलसा-जुलूस-प्रदर्शन नहीं होता
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− | कोई संघर्ष कोई विद्रोह नहीं होता
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− | कभी कोई पुलिस-लाठी गोली नहीं
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− | वही परंपरा आज भी है
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− | मैं पूर्णत: अहिंसक हूँ
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− | मैं विद्रोह नहीं करता
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− | मैं विरोध नहीं करता
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− | मैं संघर्ष नहीं करता
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− | यही शाश्वत नियम है मेरा।
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− | मुझे सब स्वीकार है
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− | मैं प्रश्न नहीं करता
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− | यद्यपि मेरी धमनियों में रक्त प्रवाह है
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− | हर जीवित प्राणी की भाँति
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− | मैं साँस लेता हूँ
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− | मैं चिंतन कर सकता हूँ
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− | मैं संवेदनशील हूँ
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− | मैं सक्रिय शुक्राणु वीर्य वाहक हूँ
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− | मैं प्रजनन सक्षम हूँ
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− | मुझे अग्नि की प्रज्ज्वलन शक्ति का ज्ञान है।
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− | परंतु,
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− | मैं मृत प्राय:हूँ
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− | मैं एक शव हूँ
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− | जिसे गिद्ध नहीं खा सकते
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− | क्योंकि,
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− | मैं शव धर्मी हूँ
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− | मैं, मेरा घर मेरे बच्चे
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− | मेरा संचित-अर्जित अर्थ
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− | यही सत्य है
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− | यही शव धर्म है।
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− | यही मैं हूँ
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− | और यही तुम हो।
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− | '''रचनाकाल: 13.09.2009
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