"सदस्य वार्ता:Rajeevnhpc102" के अवतरणों में अंतर
(→एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...: नया विभाग) |
(→एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 46: | पंक्ति 46: | ||
'''--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)''' | '''--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)''' | ||
+ | |||
+ | |||
+ | '''क़ैदी जो था वो दिल से ख़रीदार हो गया''' | ||
+ | |||
+ | भाई राजीव जी | ||
+ | अमीर | ||
+ | मीनाई की ग़ज़लें कविता कोश में दे कर आप बहुत महत्व का काम कर रहे हैं. | ||
+ | '''क़ैदी जो था वो दिल से ख़रीदार हो गया'''इस रचना को मूल स्त्रोत से मिलाइये. | ||
+ | वर्तनी की बहुत ग़लतियाँ हैं.मुझे इसमें कुछ ज़्यादा गड़ | ||
+ | बड़ दिखाई दे रही है. | ||
+ | लेकिन मेरे पास अमीर मीनाई साहब की एक भी ग़ज़ल नहीं है. | ||
+ | संभव हो तो पाठकों की सुविधा के लिए उर्दू शब्दों के अर्थ भी जुटाने का प्रयास कीजिए. | ||
+ | |||
+ | '''--[[सदस्य:द्विजेन्द्र द्विज|द्विजेन्द्र द्विज ]] 1 दिसम्बर,2009''' | ||
+ | |||
+ | आदरणीय राजीव जी | ||
+ | सादर नमस्कार , | ||
+ | कविताकोश में रचना को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है जैसे कविता ग़ज़ल नज़्म रुबाई त्रिवेणी आदि | ||
+ | और इन सबके लिए अलग अलग टेम्पलेट भी बनाये गए हैं जिससे खोज करने में आसानी होती है | ||
+ | <poem> | ||
+ | कविता श्रेणी के लिए <nowiki>{{KKCatKavita}}</nowiki> | ||
+ | ग़ज़ल श्रेणी के लिए <nowiki>{{KKCatGhazal}}</nowiki> | ||
+ | नज़्म के लिए <nowiki>{{KKCatNazm}}</nowiki> | ||
+ | रुबाई के लिए <nowiki>{{KKCatRubaayi}}</nowiki> | ||
+ | </poem> | ||
+ | महादेवी वर्मा जी की कविताएँ जो अपने कविताकोश में जोड़ी है, वाकई बहुत अच्छी है उन्हें पढ़ कर बहुत अच्छा लगा, | ||
+ | महादेवी वर्मा की कविताओं में कृपया कविता का टेम्पलेट भी साथ-साथ ही लगाते जाएँ | ||
+ | धन्यवाद | ||
+ | --[[सदस्य:Shrddha|Shrddha]] ११:४१, २६ अक्टूबर २००९ (UTC) | ||
+ | |||
+ | == बधाई! == | ||
+ | |||
+ | राजीव जी, | ||
+ | |||
+ | कविता कोश में 25,000 पन्नें पूरे होने के अवसर पर आपके सहयोग के लिये धन्यवाद और इस उपलब्धि पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई! | ||
+ | |||
+ | शुभाकांक्षी | ||
+ | |||
+ | '''--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] ०५:१९, २१ नवम्बर २००९ (UTC)''' |
21:54, 1 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
आदरणीय राजीव जी
आप के द्वारा जोड़ी गईं कुछ दुर्लभ रचनाएँ पढ़ कर बहुत अच्छा लगा
रचनाएँ जोड़ते समय आप हर पंक्ति में br tag (break line) जोड़ रहे हैं, अब वह करने की ज़रूरत नहीं है
सिर्फ poem tag लगाकर ही कविता जोड़ी जा सकती है कृपया आप अपने द्वारा जोड़े गए पुराने कार्य में किये गए बदलाव को देख लें इसे देखने के लिए आप 'बदले' बटन का प्रयोग कर सकते हैं उस पेज पर आपको कविताकोश में प्रयोग हो रहा टेम्पलेट भी मिल जाएगा
आशा है आप जल्दी जल्दी ऐसी बहुत सी दुर्लभ और खूबसूरत रचनाएँ जोड़ेंगे जिसका हम सब पाठक लाभ उठा सकेंगे अगर आपको फिर भी कोई परेशानी हो तो बताइएगा
--Shrddha १६:१९, ९ अक्तूबर २००९ (UTC)
एक रचना एक से अधिक संग्रहों में...
नमस्कार,
पिछले दिनों अमिताभ जी, श्रद्धा और धर्मेन्द्र कुमार को कविता कोश में रचनाएँ जोड़ते समय एक समस्या का सामना करना पड़ा था। यदि एक ही रचना किसी कवि के एक से अधिक संग्रहों में प्रकाशित हुई हो तो क्या उस रचना को हर संग्रह के लिये अलग-अलग टाइप करना चाहिये? इसका जवाब है "नहीं"...
आज मैनें KKRachna टैम्प्लेट के कोड में कुछ बदलाव किये हैं। इससे अब आप किसी भी रचना को एक से अधिक संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं। इसके लिये आपको संग्रहों के नामों को सेमी-कोलन (;) से अलग करना होगा। उदाहरण के लिये:
{{KKRachna |रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" |संग्रह=परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला";अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" }}
इस उदाहरण में रचना को 2 संग्रहों (परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" और अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला") का हिस्सा बताया गया है। ध्यान दीजिये कि दोनों संग्रहों के नाम सेमी-कोलन (;) से अलग किये गये हैं। इस तरह ज़रूरत पड़ने पर आप किसी रचना को कितने भी संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं।
इस सुविधा का प्रयोग होते हुए आप यहाँ देख सकते हैं: मित्र के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
आशा है आपको यह सुविधा उपयोगी लगेगी।
सादर
--सम्यक २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)
क़ैदी जो था वो दिल से ख़रीदार हो गया
भाई राजीव जी अमीर
मीनाई की ग़ज़लें कविता कोश में दे कर आप बहुत महत्व का काम कर रहे हैं.
क़ैदी जो था वो दिल से ख़रीदार हो गयाइस रचना को मूल स्त्रोत से मिलाइये. वर्तनी की बहुत ग़लतियाँ हैं.मुझे इसमें कुछ ज़्यादा गड़ बड़ दिखाई दे रही है.
लेकिन मेरे पास अमीर मीनाई साहब की एक भी ग़ज़ल नहीं है.
संभव हो तो पाठकों की सुविधा के लिए उर्दू शब्दों के अर्थ भी जुटाने का प्रयास कीजिए.
--द्विजेन्द्र द्विज 1 दिसम्बर,2009
आदरणीय राजीव जी
सादर नमस्कार , कविताकोश में रचना को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है जैसे कविता ग़ज़ल नज़्म रुबाई त्रिवेणी आदि
और इन सबके लिए अलग अलग टेम्पलेट भी बनाये गए हैं जिससे खोज करने में आसानी होती है
कविता श्रेणी के लिए {{KKCatKavita}}
ग़ज़ल श्रेणी के लिए {{KKCatGhazal}}
नज़्म के लिए {{KKCatNazm}}
रुबाई के लिए {{KKCatRubaayi}}
महादेवी वर्मा जी की कविताएँ जो अपने कविताकोश में जोड़ी है, वाकई बहुत अच्छी है उन्हें पढ़ कर बहुत अच्छा लगा, महादेवी वर्मा की कविताओं में कृपया कविता का टेम्पलेट भी साथ-साथ ही लगाते जाएँ धन्यवाद
--Shrddha ११:४१, २६ अक्टूबर २००९ (UTC)
बधाई!
राजीव जी,
कविता कोश में 25,000 पन्नें पूरे होने के अवसर पर आपके सहयोग के लिये धन्यवाद और इस उपलब्धि पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई!
शुभाकांक्षी
--सम्यक ०५:१९, २१ नवम्बर २००९ (UTC)