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"दुनिया से वफ़ा करके / सुदर्शन फ़ाकिर" के अवतरणों में अंतर

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दुनिया से वफ़ा करके सिला ढूँढ रहे हैं
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ये भी तो सज़ा है कि गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ
हम लोग भी नदाँ हैं ये क्या ढूँढ रहे हैं<br><br>
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क्यूँ लोग मोहब्बत की सज़ा ढूँढ रहे हैं  
  
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हम अपने गुनाहों में ख़ता ढूँढ रहे हैं <br><br>
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अब ज़ख़्म-ए-तमन्ना की दवा ढूँढ रहे हैं <br><br>
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17:27, 19 मई 2009 के समय का अवतरण

दुनिया से वफ़ा करके सिला ढूँढ रहे हैं
हम लोग भी नदाँ हैं ये क्या ढूँढ रहे हैं

कुछ देर ठहर जाईये बंदा-ए-इन्साफ़
हम अपने गुनाहों में ख़ता ढूँढ रहे हैं

ये भी तो सज़ा है कि गिरफ़्तार-ए-वफ़ा हूँ
क्यूँ लोग मोहब्बत की सज़ा ढूँढ रहे हैं

दुनिया की तमन्ना थी कभी हम को भी 'फ़ाकिर'
अब ज़ख़्म-ए-तमन्ना की दवा ढूँढ रहे हैं