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"सांचो प्रीतम / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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मैं गिरधर के घर जाऊँ।<br>
 
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गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊँ।।<br>
 
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊँ।।<br>

19:28, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

मैं गिरधर के घर जाऊँ।
गिरधर म्हांरो सांचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊँ।।
रैण पड़ै तबही उठ जाऊँ भोर भये उठिआऊँ।
रैन दिना वाके संग खेलूं ज्यूं त्यूं ताहि रिझाऊँ।।
जो पहिरावै सोई पहिरूं जो दे सोई खाऊँ।
मेरी उणकी प्रीति पुराणी उण बिन पल न रहाऊँ।
जहाँ बैठावें तितही बैठूं बेचै तो बिक जाऊँ।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर बार बार बलि जाऊँ।।