भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रेम गली है साँकरी / मोहन सगोरिया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन सगोरिया |संग्रह=जैसे अभी-अभी / मोहन सगोरिया…)
 
छो ("प्रेम गली है साँकरी / मोहन सगोरिया" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

02:24, 12 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

अन्त वही अथ
प्रेम वही पथ
वही ठिकाना
कहाँ को जाना

वही, वही था
वही नहीं था
मुझसे मिलकर
ख़ुद को पाकर

मैं ही मैं था
वो ही वो था
देख रहा था
नज़र बचाकर।