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"होंगे वे कोई और / श्रीकृष्ण सरल" के अवतरणों में अंतर
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होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे | होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे | ||
मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से, | मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से, | ||
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09:45, 2 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
होंगे वे कोई और किनारों पर बैठे
मैं होड़ लगाया करता हूँ मझधारों से,