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"राम रतन धन पायो / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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पायो जी म्हे तो राम रतन धन पायो।। टेक।।<br>
 
पायो जी म्हे तो राम रतन धन पायो।। टेक।।<br>
 
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।<br>
 
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।<br>

19:38, 13 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

पायो जी म्हे तो राम रतन धन पायो।। टेक।।
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।
जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।।
खायो न खरच चोर न लेवे, दिन-दिन बढ़त सवायो।।
सत की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।।
"मीरा" के प्रभु गिरधर नागर, हरस हरस जश गायो।।