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"अँधियाली घाटी में / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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अँधियाली घाटी में सहसा
 
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हरित स्फुलिंग सदृश फूटा वह!
 
हरित स्फुलिंग सदृश फूटा वह!
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::मानव-आत्मा का प्रकाश-कण
 
::मानव-आत्मा का प्रकाश-कण
 
::जग सहसा, ज्योतित कर देता
 
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'''रचनाकाल: मई’१९३५'''
 
'''रचनाकाल: मई’१९३५'''
 
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13:23, 10 जून 2010 के समय का अवतरण

अँधियाली घाटी में सहसा
हरित स्फुलिंग सदृश फूटा वह!
वह उड़ता दीपक निशीथ का,--
तारा-सा आकर टूटा वह!
जीवन के इस अन्धकार में
मानव-आत्मा का प्रकाश-कण
जग सहसा, ज्योतित कर देता
मानस के चिर गुह्य कुंज-वन!

रचनाकाल: मई’१९३५