भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"डाची वालेया मोड़ मुहाल वे / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा= पंजाबी }} <poem> डाची वालेय…)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKLokRachna
 
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
+
|रचनाकार=शिव कुमार बटालवी
 
}}
 
}}
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
|भाषा= पंजाबी }}
 
|भाषा= पंजाबी }}
 
<poem>
 
<poem>
डाची वालेया  मोड़ मुहाल  वे
+
डाची वालेआ मोड़ मुहार वे  
सोहणी वालिया लै चल नाल वे ,
+
सोहणी वालेआ लै चल नाल वे
 +
डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...
  
डाची  वालेया मोड़  मुहार  वे...सोहणी...
+
तेरी डाची दे गल विच्च टल्लीआं
तेरी डाची ते  गल विच  टलीयां 
+
वे मैं पीर मनावन चलीआं  
+
तेरी डाची दी सोहनी चाल वे
नी वे मैं पीर  मनावन चलीयां 
+
ओये डाची वालेया मोड़ मुहार वे...
तेरी डाची दी सोहनी चाल वे ,
+
 
+
तेरी डाची थलां नू चीरनी  
ओये -डाची वालेया   मोड़ मुहाल  वे
+
वे मैं पीरां नू सुख्खनी आ खीरनी  
तेरी डाची थल्लन नू चीरनी
+
आके तक्क जा साडा हाल वे
+
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...
वे मैं पीरन  नू सुखनी  खीरनी,
+
 
आके तक जा सदा  हाल वे,
+
तेरी डाची दे चुम्नीआं पैर वे  
+
तेरे सिर दी मंगनीआं खैर वे
ओये डाची वालिया मोड़ मुहार वे
+
साडी जिंदड़ी नू एन्ज न गाल वे
तेरी डाची दे चुम्नीयां पैर वे
+
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...
+
 
तेरे सिर दी मंगनीयां खैर वे,
+
तेरी डाची तों सदके मैं जानीआं
साडी जिंदगी  नू एन्ज गाल वे,
+
पंजा पीरां नू पई मैं मनानिआँ.  
+
सुख्खां सुखनिआँ तेरियां लाल वे  
ओये डाची वालिया मोड़ मुहार वे
+
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...
तेरी डाची तों सदके मैं जानीयां,
+
 
+
डाची वालेआ मोड़ मुहार वे
पंजा पीरन  नू पई  मनौनिआँ. 
+
सोहणी वालेआ लै चल नाल वे...
सुखां  सुखनिआँ तेरियां लाल वे,
+
+
ओये डाची वालिया मोड़ मुहार वे
+
सोहणी वालिया  लै चल नाल वे
+
 
</poem>
 
</poem>

19:04, 15 मार्च 2010 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: शिव कुमार बटालवी

डाची वालेआ मोड़ मुहार वे
सोहणी वालेआ लै चल नाल वे
डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...

तेरी डाची दे गल विच्च टल्लीआं
वे मैं पीर मनावन चलीआं
तेरी डाची दी सोहनी चाल वे
ओये डाची वालेया मोड़ मुहार वे...

तेरी डाची थलां नू चीरनी
वे मैं पीरां नू सुख्खनी आ खीरनी
आके तक्क जा साडा हाल वे
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...

तेरी डाची दे चुम्नीआं पैर वे
तेरे सिर दी मंगनीआं खैर वे
साडी जिंदड़ी नू एन्ज न गाल वे
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...

तेरी डाची तों सदके मैं जानीआं
पंजा पीरां नू पई मैं मनानिआँ.
सुख्खां सुखनिआँ तेरियां लाल वे
ओये डाची वालेआ मोड़ मुहार वे...

डाची वालेआ मोड़ मुहार वे
सोहणी वालेआ लै चल नाल वे...