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|विविध=  आपकी लेखनी कभी चंद वंशीय राजाओं की राष्ट्रभाषा रही कुमाउनी के साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी में भी सामान रूप से चलती है। कुमाउनी में पहले गद्य-संग्रह (गद्यांजलि), पहले कहानी-संग्रह (अन्वार) और पहले नाटक-संग्रह (आपणि पन्यार) के सम्पादन का श्रेय श्री जोशी को जाता है। लुप्त हो रही लोकभाषा कुमाउनी में खुद लिखने के साथ-साथ दूसरों को भी प्रेरित कर उनसे लिखवाते हैं।
 
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दामोदर जोशी 'देवांशु'
Damodar Joshi.JPG
जन्म 08 दिसंबर 1949
निधन
उपनाम देवांशु
जन्म स्थान ग्राम तोली (कपकोट) जिला बागेश्वर, उत्तराखंड.
कुछ प्रमुख कृतियाँ
कुदरत, पखांण, शिखर, गद्यांजलि, अन्वार, आपणि पन्यार आदि
विविध
आपकी लेखनी कभी चंद वंशीय राजाओं की राष्ट्रभाषा रही कुमाउनी के साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी में भी सामान रूप से चलती है। कुमाउनी में पहले गद्य-संग्रह (गद्यांजलि), पहले कहानी-संग्रह (अन्वार) और पहले नाटक-संग्रह (आपणि पन्यार) के सम्पादन का श्रेय श्री जोशी को जाता है। लुप्त हो रही लोकभाषा कुमाउनी में खुद लिखने के साथ-साथ दूसरों को भी प्रेरित कर उनसे लिखवाते हैं।
जीवन परिचय
दामोदर जोशी 'देवांशु' / परिचय
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