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"एक दिन चाँद / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर
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जब मैंने चाँद को देखा | जब मैंने चाँद को देखा |
23:20, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
जब मैंने चाँद को देखा
तो चाँद ने भी मुझे देखा
जब मैंने उससे बातें कीं
तो उसने भी मुझसे बातें कीं
लेकिन जब मैं उससे मिलने आगे बढ़ा
तो वह मुझसे आगे बढ़ गया
एक दिन तो वह इतना
आगे बढ़ा
कि उस तक पहुँचूँ-पहुँचूँ, तब तक तो सुबह हो चुकी थी!