"तीनों बन्दर बापू के / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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− | बापू के | + | बापू के भी ताऊ निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | सरल सूत्र उलझाऊ | + | सरल सूत्र उलझाऊ निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | सचमुच जीवनदानी | + | सचमुच जीवनदानी निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | ग्यानी निकले, ध्यानी निकले तीनों बन्दर बापू के ! | + | ग्यानी निकले, ध्यानी निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | जल-थल-गगन-बिहारी निकले तीनों बन्दर बापू के ! | + | जल-थल-गगन-बिहारी निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | लीला के | + | लीला के गिरधारी निकले तीनों बन्दर बापू के! |
− | ::सर्वोदय के | + | ::सर्वोदय के नटवरलाल |
::फैला दुनिया भर में जाल | ::फैला दुनिया भर में जाल | ||
− | ::अभी जियेंगे ये सौ | + | ::अभी जियेंगे ये सौ साल |
− | ::ढाई घर | + | ::ढाई घर घोड़े की चाल |
::मत पूछो तुम इनका हाल | ::मत पूछो तुम इनका हाल | ||
− | ::सर्वोदय के | + | ::सर्वोदय के नटवरलाल |
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+ | लम्बी उमर मिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | दिल की कली खिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | बूढ़े हैं फिर भी जवान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | परम चतुर हैं, अति सुजान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | सौवीं बरसी मना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | बापू को हीबना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
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+ | ::बच्चे होंगे मालामाल | ||
+ | ::ख़ूब गलेगी उनकी दाल | ||
+ | ::औरों की टपकेगी राल | ||
+ | ::इनकी मगर तनेगी पाल | ||
+ | ::मत पूछो तुम इनका हाल | ||
+ | ::सर्वोदय के नटवरलाल | ||
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+ | सेठों का हित साध रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | युग पर प्रवचन लाद रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | सत्य अहिंसा फाँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | पूँछों से छबि आँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | दल से ऊपर, दल के नीचे तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | मुस्काते हैं आँखें मीचे तीनों बन्दर बापू के! | ||
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+ | ::छील रहे गीता की खाल | ||
+ | ::उपनिषदें हैं इनकी ढाल | ||
+ | ::उधर सजे मोती के थाल | ||
+ | ::इधर जमे सतजुगी दलाल | ||
+ | ::मत पूछो तुम इनका हाल | ||
+ | ::सर्वोदय के नटवरलाल | ||
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+ | मूंड रहे दुनिया-जहान को तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | चिढ़ा रहे हैं आसमान को तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | करें रात-दिन टूर हवाई तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | बदल-बदल कर चखें मलाई तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | गाँधी-छाप झूल डाले हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | असली हैं, सर्कस वाले हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
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+ | ::दिल चटकीला, उजले बाल | ||
+ | ::नाप चुके हैं गगन विशाल | ||
+ | ::फूल गए हैं कैसे गाल | ||
+ | ::मत पूछो तुम इनका हाल | ||
+ | ::सर्वोदय के नटवरलाल | ||
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+ | हमें अँगूठा दिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | कैसी हिकमत सिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | प्रेम-पगे हैं, शहद-सने हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | गुरुओं के भी गुरु बने हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | सौवीं बरसी मना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
+ | बापू को ही बना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के! | ||
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19:07, 9 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
बापू के भी ताऊ निकले तीनों बन्दर बापू के!
सरल सूत्र उलझाऊ निकले तीनों बन्दर बापू के!
सचमुच जीवनदानी निकले तीनों बन्दर बापू के!
ग्यानी निकले, ध्यानी निकले तीनों बन्दर बापू के!
जल-थल-गगन-बिहारी निकले तीनों बन्दर बापू के!
लीला के गिरधारी निकले तीनों बन्दर बापू के!
सर्वोदय के नटवरलाल
फैला दुनिया भर में जाल
अभी जियेंगे ये सौ साल
ढाई घर घोड़े की चाल
मत पूछो तुम इनका हाल
सर्वोदय के नटवरलाल
लम्बी उमर मिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
दिल की कली खिली है, ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
बूढ़े हैं फिर भी जवान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
परम चतुर हैं, अति सुजान हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
सौवीं बरसी मना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
बापू को हीबना रहे हैं ख़ुश हैं तीनों बन्दर बापू के!
बच्चे होंगे मालामाल
ख़ूब गलेगी उनकी दाल
औरों की टपकेगी राल
इनकी मगर तनेगी पाल
मत पूछो तुम इनका हाल
सर्वोदय के नटवरलाल
सेठों का हित साध रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
युग पर प्रवचन लाद रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
सत्य अहिंसा फाँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
पूँछों से छबि आँक रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
दल से ऊपर, दल के नीचे तीनों बन्दर बापू के!
मुस्काते हैं आँखें मीचे तीनों बन्दर बापू के!
छील रहे गीता की खाल
उपनिषदें हैं इनकी ढाल
उधर सजे मोती के थाल
इधर जमे सतजुगी दलाल
मत पूछो तुम इनका हाल
सर्वोदय के नटवरलाल
मूंड रहे दुनिया-जहान को तीनों बन्दर बापू के!
चिढ़ा रहे हैं आसमान को तीनों बन्दर बापू के!
करें रात-दिन टूर हवाई तीनों बन्दर बापू के!
बदल-बदल कर चखें मलाई तीनों बन्दर बापू के!
गाँधी-छाप झूल डाले हैं तीनों बन्दर बापू के!
असली हैं, सर्कस वाले हैं तीनों बन्दर बापू के!
दिल चटकीला, उजले बाल
नाप चुके हैं गगन विशाल
फूल गए हैं कैसे गाल
मत पूछो तुम इनका हाल
सर्वोदय के नटवरलाल
हमें अँगूठा दिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
कैसी हिकमत सिखा रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
प्रेम-पगे हैं, शहद-सने हैं तीनों बन्दर बापू के!
गुरुओं के भी गुरु बने हैं तीनों बन्दर बापू के!
सौवीं बरसी मना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!
बापू को ही बना रहे हैं तीनों बन्दर बापू के!