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"नक़्श फ़रियादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर का / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर

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नक़्श<ref>चित्र</ref> फ़रियादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर<ref>शरारत भरी लिखावट</ref> का
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काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर<ref>व्यक्ति (यहाँ इसका मतलब)</ref>-ए-तस्वीर का
  
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काव-काव<ref>खोदना</ref>-ए सख़्तजानी<ref>कठिन ज़िंदगी</ref> हाय तनहाई न पूछ
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सुबह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर<ref>दूध की नदी</ref> का
  
नक़्श फ़रियादी है किस की शोख़ी-ए-तहरीर का <br>
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जज़्बा<ref>तीव्र उमंग</ref>-ए-बेअख़्तियारे-शौक़ देखा चाहिए
काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर-ए-तस्वीर का <br><br>
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सीना-ए-शमशीर<ref>तलवार की मयान</ref> से बाहर है दम<ref>सिरा</ref> शमशीर का
  
कावे-कावे सख़्तजानी हाये तन्हाई न पूछ <br>
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सुबह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर का <br><br>
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मुद्दआ़ अ़न्क़ा<ref>दुर्लभ</ref> है अपने आ़लमे-तक़रीर<ref>बातचीत की दुनिया</ref> का
  
जज़्बा-ए-बेइख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिये <br>
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सीना--शम्शीर से बाहर है दम शम्शीर का <br><br>
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मूए-आतिश-दीद़ा<ref>जला हुआ बाल</ref> है हल्क़ा<ref>कड़ी</ref> मेरी ज़ंजीर का
 
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आगही दाम--शुनीदन जिस क़दर चाहे बिछाये <br>
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मुद्दा अन्क़ा है अपने आलम-ए-तक़रीर का <br><br>
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मू-ए-आतिशदीदा है हल्क़ा मेरी ज़ंजीर का <br><br>
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02:06, 23 मार्च 2010 के समय का अवतरण

नक़्श<ref>चित्र</ref> फ़रियादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर<ref>शरारत भरी लिखावट</ref> का
काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर<ref>व्यक्ति (यहाँ इसका मतलब)</ref>-ए-तस्वीर का

काव-काव<ref>खोदना</ref>-ए सख़्तजानी<ref>कठिन ज़िंदगी</ref> हाय तनहाई न पूछ
सुबह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर<ref>दूध की नदी</ref> का

जज़्बा<ref>तीव्र उमंग</ref>-ए-बेअख़्तियारे-शौक़ देखा चाहिए
सीना-ए-शमशीर<ref>तलवार की मयान</ref> से बाहर है दम<ref>सिरा</ref> शमशीर का

आगही<ref>समझ</ref> दामे-शुनीदन<ref>प्रसिद्दी का जाल</ref> जिस क़दर चाहे बिछाए
मुद्दआ़ अ़न्क़ा<ref>दुर्लभ</ref> है अपने आ़लमे-तक़रीर<ref>बातचीत की दुनिया</ref> का

बस कि हूँ "ग़ालिब" असीरी<ref>कैद</ref> में भी आतिश-ज़ेर-पा<ref>पांव के नाचे की आग</ref>
मूए-आतिश-दीद़ा<ref>जला हुआ बाल</ref> है हल्क़ा<ref>कड़ी</ref> मेरी ज़ंजीर का

शब्दार्थ
<references/>