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"मेरे पहले प्यार / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

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नस-नस के पहले ज्वार!
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पावस की प्रथम फुहारों से  
 
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जिसने मुझको कुछ बोल दिये
 
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मेरे आँसु मुस्कानों की
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जिसने अहसास दिया मुझको  
 
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मेरे सब बंधन खोल दिये
 
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ओ अनजाने आकर्षण से!
 
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ओ पावन मधुर समर्पण से!
 
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मेरे गीतों के सार  
 
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मुझे तू याद न आया कर।
 
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मूझे पता चला मधुरे तू भी पागल बन रोती है,
 
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जो पीङा मेरे अंतर में तेरे दिल में भी होती है
 
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लेकिन इन बातों से किंचिंत भी अपना धैर्य नहीं खोना
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मेरे मन की सीपी में अब तक तेरे मन का मोती है,
 
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ओ सहज सरल पलकों वाले!  
 
ओ सहज सरल पलकों वाले!  
 
 
ओ कुंचित घन अलकों वाले!
 
ओ कुंचित घन अलकों वाले!
 
 
हँसते गाते स्वीकार  
 
हँसते गाते स्वीकार  
 
 
मुझे तू याद न आया कर।
 
मुझे तू याद न आया कर।
 
 
ओ मेरे पहले प्यार  
 
ओ मेरे पहले प्यार  
 
 
मुझे तू याद न आया कर
 
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कोई दीवाना कहता है (२००७) मे प्रकाशित
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कोई दीवाना कहता है(२००७) मे प्रकाशित
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www.kumarvishwas.com
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http://www.orkut.com/Community.aspx?cmm=23427391
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16:50, 12 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

ओ प्रीत भरे संगीत भरे!
ओ मेरे पहले प्यार!
मुझे तू याद न आया कर
ओ शक्ति भरे अनुरक्ति भरे!
नस-नस के पहले ज्वार!
मुझे तू याद न आया कर।

पावस की प्रथम फुहारों से
जिसने मुझको कुछ बोल दिये
मेरे आँसु मुस्कानों की
कीमत पर जिसने तोल दिये

जिसने अहसास दिया मुझको
मै अम्बर तक उठ सकता हूं
जिसने खुद को बाँधा लेकिन
मेरे सब बंधन खोल दिये

ओ अनजाने आकर्षण से!
ओ पावन मधुर समर्पण से!
मेरे गीतों के सार
मुझे तू याद न आया कर।

मूझे पता चला मधुरे तू भी पागल बन रोती है,
जो पीङा मेरे अंतर में तेरे दिल में भी होती है
लेकिन इन बातों से किंचिंत भी अपना धैर्य नहीं खोना
मेरे मन की सीपी में अब तक तेरे मन का मोती है,

ओ सहज सरल पलकों वाले!
ओ कुंचित घन अलकों वाले!
हँसते गाते स्वीकार
मुझे तू याद न आया कर।
ओ मेरे पहले प्यार
मुझे तू याद न आया कर

कोई दीवाना कहता है (२००७) मे प्रकाशित