भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पिता आप / संतोष मायामोहन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संतोष मायामोहन |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem>पिता आप आप ह…) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatKavita}} |
+ | {{KKAnthologyPita}} | ||
<Poem>पिता आप | <Poem>पिता आप | ||
आप ही मां जाए भाई | आप ही मां जाए भाई | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 13: | ||
युगों-युगों से मेरे पिता | युगों-युगों से मेरे पिता | ||
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों ! | दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों ! | ||
+ | |||
+ | '''अनुवाद : नीरज दइया''' | ||
</Poem> | </Poem> |
01:10, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
पिता आप
आप ही मां जाए भाई
आप ही मेरी भाभी के घर-
बालक ।
आप स्थिर
युगों-युगों से मेरे पिता
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों !
अनुवाद : नीरज दइया