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"कविता री ताकत / मदन गोपाल लढ़ा" के अवतरणों में अंतर

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कविता  
 
कविता  
 
नीं करा सकै बिरखा
 
नीं करा सकै बिरखा
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रात टिपावणै रो
 
रात टिपावणै रो
 
भूख मिटावणै रो ।
 
भूख मिटावणै रो ।
 
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10:18, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

कविता
नीं करा सकै बिरखा

कविता
नीं उगा सकै सूरज

कविता
नीं धपा सकै पेट

पण कविता
जरूर बता सकै
मारग
पाणी लावणै रो
रात टिपावणै रो
भूख मिटावणै रो ।